antardwand
मंगलवार, 17 जुलाई 2012
खाली रातों में जागते रहना,
चाँद तारों को ताकते रहना,
सोचते और सोचते जाना ,
रात की उम्र नापते रहना,
नींद से जैसे दुश्मनी की हो,
और ख्वाबों से भागते रहना,
जागती रात के सफ़र तन्हा ,
सिर्फ तन्हा ही काटते रहना।
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