मंगलवार, 19 जून 2012

आश्रय

आश्रित नहीं,
आश्रय बनो,

तुम एक नन्ही ज्योति हो,
लाखो दिए जो जलाएगी,
जो रौशनी का स्रोत हो,
 तुम ऐसा दीपालय  बनो,
आश्रित नहीं,
आश्रय बनो।

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