antardwand
मंगलवार, 19 जून 2012
पथ-प्रदर्शक
जीवन की उलझी राहों में,
कुछ कांटे भी है,
फूल भी है,
तुम कांटे पा कर मत रोना ,
और फूल मिलें तो मत खोना ,
ये ही वो पथ-प्रदर्शक हैं,
जो तुमको राह दिखातें हैं,
और मंजिल तक पहुंचाते हैं।
2 टिप्पणियां:
दिगम्बर नासवा
20 जून 2012 को 12:09 am बजे
जीवन में दोनों का अपना महत्त्व है ...
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bhawnavardan@gmail.com
20 फ़रवरी 2015 को 8:22 am बजे
जी हाँ धन्यवाद् प्रोत्साहन के लिए
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जीवन में दोनों का अपना महत्त्व है ...
जवाब देंहटाएंजी हाँ धन्यवाद् प्रोत्साहन के लिए
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